लम्बे टाइम डायबिटीज रहने से क्या होता है दिल पर असर, डॉ प्रभात अग्रवाल से जानें पूरी जानकारी
विश्व में डायबिटीज के आंकड़े और समस्याएं
Diabetes: एक silent killer है जो दुनिया भर में लाखों को प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट है कि diabetes से जुड़ी complications के कारण हर साल लगभग 50 लाख मौतें होती हैं. यह एक chronic disease है जिसमें blood sugar higher range में बना रहता है, और uncontrolled होकर हृदय रोग (heart disease), आघात (stroke), दृष्टिहीनता (blindness) और यहां तक कि एम्पुटेशन /अंग-विच्छेदन (amputation) जैसी गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं. लेकिन proper medical management और जीवन शैली (lifestyle changes) में बदलाव के साथ ही diabetes की जांच की जा सकती है और इसकी complications की रोकथाम की जा सकती है।
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Fasting Blood Sugar (पहले खाली पेट शुगर सही चेक करें)
आगरा के जाने माने डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ प्रभात अग्रवाल का कहना है कि, “एहतियात के साथ अगर आपने सुबह में फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट कराया और यह 125 से ज्यादा है लेकिन Hb1Ac अब भी नॉर्मल है तो हमें फास्टिंग ब्लड शुगर (fasting blood sugar) को सही मानना चाहिए.”
Diabetes and Heart Disease Incidence (मधुमेह और हृदय रोग घटना के बीच संबंध)
अभी हाल ही में JCEM में एक published review का जिक्र करते हुए डॉ प्रभात अग्रवाल ने बताया “जितने लंबे समय तक लोगों को diabetes थी, उनका हार्ट फेलियर (heart failure) की दर (incident) उतनी ही अधिक था.”
इस अध्ययन में यूके बायोबैंक (UK Biobank) ने कुल 23,754 व्यक्तियों को शामिल कर उनपर research करके पाया कि, diabetes वाले व्यक्तियों में heart failure का जोखिम diabetes की लंबी अवधि और HbA1c के स्तर में वृद्धि के साथ बढ़ता है.
चूंकि डायबिटीज की बीमारी खराब लाइफस्टाइल से संबंधित है, इसलिए अपने लाइफस्टाइल को सही कीजिए. रोजाना एक्सरसाइज, वॉकिंग कीजिए. तनाव न लीजिए. खुद को व्यस्त रखिए और सबसे बड़ी बात कि अपने खान-पान को सुधारिए.
Diabetes and Metabolism relationship (मधुमेह और metabolism के बीच संबंध)
मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) एक समूह (cluster) है जो हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को बढ़ाता है। इन स्थितियों में इंसुलिन प्रतिरोध (इन्सुलिन resistance), उच्च रक्तचाप (Hypertension), उच्च ट्राइग्लिसराइड्स (Hypertriglyceridemia), एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर (Low HDL levels) और कमर के आसपास शरीर की अतिरिक्त चर्बी (Central Obesity) शामिल हैं.
अगर स्वाथ्य जीवन कि कल्पना कि जाये तो डायबिटीज वालों को जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार बनाए रखना, नियमित शारीरिक गतिविधि, यदि आवश्यक हो तो वजन कम करना और तनाव का रोकना या कम करना बहुत ज़रूरी है।
आखिर में (Conclusion)
डॉ प्रभात अग्रवाल सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (S.N. Medical College), आगरा (Agra) में Professor (आचार्य) पद पर कार्यरत हैं, और पचकुइयाँ स्थित केयर हॉस्पिटल (Care Hospital) में डायबिटीज के मरीज़ों को कंसल्टेशन देते हैं. Appointment book करने के लिए इन नंबर पर कॉल कर सकते हैं: 0562 221 0447, या इस link पर click करके बुक करें: BOOK APPOINTMENT NOW.